हिन्दी साहित्य के पांच महत्त्वपूर्ण उपन्यास
हिन्दी साहित्य के सभी सुधी पाठकों का स्वागत है, दोस्तो आज हम हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण पांच उपन्यास पर चर्चा करेंगे।
1. गोदान-
प्रेमचंद का यह उपन्यास हिंदी साहित्य की अमर श्रेष्ठ कृति मानी जाती है। इसका प्रकाशन 1936 में हुआ था। प्रेमचंद द्वारा लिखित यह उनका अंतिम पूर्ण उपन्यास है। वास्तव में प्रेमचंद के उपन्यासों में एक तरफ तो किसान जीवन का विशद चित्रण मिलता है, वहीं दूसरी ओर उनमें पतनशील और उदीयमान सामाजिक शक्तियों की असाधारण पहचान दिखाई देती है। किसान जीवन के साथ इन शक्तियों के द्वंद्व को भी प्रेमचंद ने सफलता से चित्रित किया है। उनके उपन्यासों में ‘गोदान’ अनेक अर्थों में सर्वथा अनूठी रचना है। इसमें मुनाफे और मेहनत की दुनिया के बीच गहराती खाईं को उन्होंने बड़ी बारीकी से चित्रित किया है। वैसे तो उनके दूसरे उपन्यासों में भी इसका चित्रण दिखाई देता है लेकिन ‘गोदान’ में आकर इसका रूप काफी सूक्ष्म और संकेतात्मक हो गया है। पूरा कथानक सीमांत किसान होरी और धनिया दंपति के आसपास घूमता हुआ ज़मींदारों और स्थानीय साहूकारों के हाथों गरीब किसानो का शोषण और उनके अत्याचार की सजीव व्याख्या है। भारतीय ग्रामीण जन-जीवन का खूबसूरत चित्रण तथा समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं के प्रति लेखक का दृष्टिकोण खोखलेे आदर्श को दिखाते हुए यथार्थ तक पहुंचना है।
2. शेखर :एक जीवनी-
शेखर एक जीवनी सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय का पहला उपन्यास है। अज्ञेय एक सशक्त मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार है। शेखर एक जीवनी दो भागों में प्रकाशित है जिसका पहला भाग 1940 में तथा दूसरा भाग 1944 में प्रकाशित हुआ था। शेखर एक जीवनी फ्लैशबैक शैली में लिखी गई हिंदी की पहली ओपन्यासिक कृति है। इसका नायक शेखर एक क्रांतिकारी है उसे फांसी की सजा मिली है। वह अपने जीवन के अंतिम रात को अपनी संपूर्ण अतीत को एक बार पुनः जी लेना चाहता है। शेखर,शशि, सरस्वती मणिका, शांति, शीला, शारदा आदि इस उपन्यास के प्रमुख पात्र हैं। विद्वानों ने शेखर एक जीवनी की आलोचना प्रकाशमान पुच्छल तारा कहकर किया है।
3.मैला आंचल-
मैला आंचल हिंदी का पहला आंचलिक उपन्यास माना जाता है। इसके लेखक फणीश्वर नाथ रेणु जी हैं। मैला आंचल का प्रकाशन 1954 में हुआ था। इसमें बिहार राज्य के पूर्णिया जिले के मेरीगंज ग्राम को कथा का मुख्य केंद्र बनाया गया है। रेणु जी उपन्यास की भूमिका में स्वयं लिखते हैं इसमें फूल भी है, शूल भी है, धूल भी है, गुलाब भी है और कीचड़ भी है। मैं किसी से दामन बचाकर निकल नहीं पाया। इसमें गरीबी, रोग, भुखमरी, जहालत, धर्म की आड़ में हो रहे व्यभिचार, शोषण, बाह्याडंबरों, अंधविश्वासों आदि का चित्रण है।
4. गुनाहों का देवता-
गुनाहों का देवता हिंदी की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली लोकप्रिय उपन्यासों में से एक है। इसके लेखक धर्मवीर भारती जी है। इसका प्रकाशन 1949 में हुआ था। उपन्यास में चंदर और सुधा के करुण प्रेम प्रसंग का वर्णन है।
5. एक इंच मुस्कान-
राजेंद्र यादव और उनकी पत्नी (लेखिका)मन्नू भंडारी की यह संयुक्त कृति है। इसका प्रकाशन 1963 में हुआ था। इस उपन्यास में अमर, रंजना और अमला की त्रिकोणीय प्रेम कथा है। पत्नी के अलावा गैर स्त्री से संबंध होने पर मनुष्य की क्या दुर्गति होती है और कैसे उसका परिवार बिखर जाता है वह किस तरह एक इंच मुस्कान के लिए जीवन भर तड़पता है उपन्यास का मुख्य कथानक है।
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